Kongresh CBI adaalat se lekar supreem Cort tak ke sankeat samjhe, kongresh saasit rajyoa me Bharat bhaajpaa netaao ke khilaap bhi kaarwahi


कांग्रेस सीबीआई अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के संकेत समझे। 
कांग्रेस शासित राज्यों में भ्रष्ट भाजपा नेताओं के खिलाफ भी कार्यवाही l 
23 अगस्त को भी देश के गृह और वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। यानि जिला अदालत से लेकर देश की सर्वोच्च अदालत तक राजनीति में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है। देश की न्यायिक प्रकिया के इस रुख को कांग्रेस को समझना चाहिए। कांग्रेस अभी भी चिदंबरम की गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बता रही है। 22 अगस्त को दिल्ली में जुटे देश भर के कार्यकर्ताओं के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने चिदंबरम की गिरफ्तारी के संबंध में कहा कि चार सांसदों का बहुमत तो राजीव गांधी के समय भी मिला था, लेकिन राजनेताओं के खिलाफ ऐसी द्वेषतापूर्ण कार्यवाही नहीं की। सोनिया गांधी यह भूल रही हैं कि राजीव गांधी से पहले देश में अधिकांश समय कांग्रेस का ही राज रहा। तो क्या राजीव गांधी अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्यवाही करते? चिदंबरम के भ्रष्टाचार के मामले में 22 अगस्त को दिल्ली की सीबीआई अदालत के जज अजय कुमार ने माना कि आरोप गंभीर है और पैसे के लेनदेन की जांच के लिए आरोप चिदंबरम से पूछताछ होना जरूरी है। कांग्रेस के कपिल सिब्बल, अभिषेक मनुसिंघवी जैसे दिग्गज वकीलों के तर्कों को खारिज करते हुए अदालत ने चिदंबरम को पांच दिन के रिमांड पर भेज दिया। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुनील गौड ने कहा कि अब यदि चिदंबरम की अग्रिम जमानत स्वीकार की जाती है तो भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समाज में गलत संदेश जाएगा। यानि हाईकोर्ट ने भी प्राथमिक तौर पर चिदंबरम को आरोपी माना। हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद 21 अगस्त को कांग्रेस के वकीलो की फौज ने सुप्रीम कोर्ट से जमानत के लिए पूरी ताकत लगा दी, लेकिन देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने तत्काल सुनवाई करने से इंकार कर दिया। सीबीआई अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के इस संकेत को कांग्रेस के नेताओं को समझना चाहिए। कांग्रेस भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पहले ही बहुत बदनाम रही है और जिस तरह चिदंबरम के भ्रष्टाचार के साथ खड़ी है उससे पार्टी को भारी राजनीतिक नुकसान भी हो रहा है। कांग्रेस को राजनीति और भ्रष्टाचार को अलग-अलग करना होगा। देश की आम जनता चाहती है कि राजनीति में से भ्रष्टाचार समाप्त हो। देश के चार बड़े राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं। कांग्रेस को लगता है कि भाजपा के नेता भी भ्रष्ट है तो कांग्रेस शासित राज्यों में भ्रष्ट भाजपा नेताओं के खिलाफ भी कार्यवाही हो। अब जनता तब बहुत खुशी होगी तो भ्रष्टाचार में लिप्त भाजपा नेता भी जेल जाएंगे। असल में राजनीति में भ्रष्टाचार का सबसे ज्यादा खामियाजा आम जनता ही उठाती है।