हाल- ए- उत्तर प्रदेश सरकार का....
( संजय आजाद की कलम से )
अभी अभी यानि आज दिनांक 17..08.2019 को पहुंच गया पोस्ट आफिस...
जहां संजय आजाद को थमा दिया फटा लिफाफा और लिफाफे के अंदर निकली राजधानी लखनऊ की पुलिसिया भाषा में फर्जी मनगढंत साजिशों भरी 6 लाईनों की लिखी गई वही पुरानी इबादत !!!
एक लिफाफा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय का भी थमाया गया जिसे खोला तो पता चला... इस कार्यालय में तो पंजीकृत डाकचोर गैंग हावी है जो सरकार के पक्ष में ईमानदारी से मुस्तैदी के साथ अपनी सरकार को बचाने में दिन रात एक किये हुए हैं!
यही नहीं लखनऊ विकास प्राधिकरण में भी हिस्ट्रीशीटर भूमाफियाओं को अपने दामाद के रूप में पूजने वाला भ्रष्टाचारी प्राधिकरण प्रशासन भी पीड़ितों के पत्रादि गायब कर अपने कुकर्मो पर पर्दा डालने में पीछे नहीं है इस चोर प्राधिकरण का भी एक ऐसा ही पत्र साथ में मिला जिसे सुरक्षा के हवाले से उजागर नहीं कर रहा हूँ।
अरे भ्रष्टाचारियों कुछ तो शर्म करो सरकारी चोरों !
ऊपर जाने पर तुम्हारे भी एक-एक करके सारे लिफाफे खोले जायेंगे तब वहां ये राग मत अलापना कि -
हमसे भूल हो गई हमका माफ़ी दई दईदो...