हम दो, हमारा एक। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के इस सुझाव का स्वागत हो। अमल भी होना चाहिए।


हम दो, हमारा एक। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के इस सुझाव का स्वागत हो। अमल भी होना चाहिए।
2 सितम्बर को विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित एक समारोह में राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अब हम दो हमारे दो से काम नहीं चलेगा। अब हम दो हमारा एक की आवश्यकता है। भारत की आबादी जितनी तेजी से बढ़ रही है, उससे 2024 तक हम चीन को पीछे छोड़ देंगे। चीन में तो हम दो हमारा एक की नीति पर अमल हो गया, इसलिए वहां तेजी से जनसंख्या नियंत्रण का काम हो रहा है, जबकि भारत में जनसंख्या का विस्फोट हो रहा है। ऐसा नहीं कि सरकार चिकित्सा सुविधाओं में विस्तार नहीं करती, लेकिन यह विकास और विस्तार बढ़ती आबादी के सामने छोटा पड़ जाता है। सरकार ने आज ग्राम पंचायत स्तर तक सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं, इसकी वजह आबादी का लगातार बढऩा है। अब समय आ गया है तब जनसंख्या नियंत्रण पर मजबूत फैसले लेने होंगे। लोगों को देश हित में हम दो हमारा एक की नीति पर अमल करना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि रघु शर्मा ने देशहित में जो सुझाव दिया है, उस पर अमल होना चाहिए। भले ही हमारा देश धर्म निरपेक्ष हो और यहां हर व्यक्ति को अपने धर्म के अनुरूप रहने की इजाजत है, लेकिन नागरिकों को देशहित में भी सोचना चाहिए। हम चाहे कितना भी विकास कर लें, लेकिन इन विकास कार्यों का फायदा तभी होगा, जब जनसंख्या सीमित होगी। रघु शर्मा ने सही कहा है कि हमने नियंत्रण नहीं किया तो 2024 में भारत की आबादी चीन से ज्यादा होगी। सवाल उठता है कि जब चीन में हम दो हमारा एक की नीति पर अमल हो सकता है, तो फिर भारत में क्यों नहीं? राष्ट्रहित पहले और सरकार के फैसलों को मानने की अनिर्वायता की वजह से आज चीन हर क्षेत्र में अमरीका के मुकाबले में आकर खड़ा हो गया है। बल्कि अमरीका को चुनौती दे रहा है। अभी तो चीन ने बढ़ती हुई आबादी पर रोक लगाने का काम किया है। भविष्य में जब चीन की आबादी घटने लगेगी तो चीन, अमरीका से आगे निकल जाएगा। यानि देश की मजबूती जनसंख्या से जुड़ी हुई है। चीन में भी बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय रहता है, लेकिन चीन का मुस्लिम समुदाय स्वेच्छा से सरकार के फैसलों पर अमल करता है। हम दो हमारा एक की नीति पर मुस्लिम समुदाय भी अमल कर रहा है। राजस्थान के चिकित्स मंत्री रघु शर्मा का बयान देशहित में माना जाना चाहिए ।