केन्द्र सरकार की दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान अब कांग्रेस के पक्ष में आए। इसे कहते हैं दोनों हाथ में लड्डू रखना। क्रिकेट लीग के नाम पर वसूली के आरोप।
मौका परस्त व्यक्तियों के लिए कहावत है कि दोनों हाथ में लड्डू रखना। इस कहावत को अब अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान चरितार्थ कर रहे हैं। दरगाह कमेटी केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन काम करती है। स्वयं को कट्टर भाजपाई साबित कर अमीन पठान गत दो बार से कमेटी के अध्यक्ष बन रहे हैं। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्त्यार अब्बास नकवी की मिजाजपुर्सी कर पठान दो बार से कमेटी का अध्यक्ष पद हथियाने में सफल रहे हैं। राजस्थान में गत भाजपा के शासन में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को प्रभावित कर पठान हज कमेटी के अध्यक्ष भी बन गए। यानि भाजपा की सरकार राज्य में हो या केन्द्र में, पठान ने राजनीतिक लाभ लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेकिन राजस्थान की क्रिकेट की राजनीति में अब पठान कांग्रेस के नेताओं के साथ खड़े हो गए हैं। पठान पूर्व में राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रह चुके हैं, इसलिए पठान का क्रिकेट की राजनीति में भी दखल हैं। इन प्रदेश में क्रिकेट की राजनीति में घमासान मचा हुआ है। विधानसभा और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीपी जोशी चाहते हैं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। हालांकि जोशी-गहलोत को अपनी ही पार्टी के नेता रामेश्वर डूडी से चुनौती मिल रही है, लेकिन मौका देखते हुए पठान ने कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र की उम्मीदवारी का समर्थन कर दिया है। जो अशोक गहलोत रोजाना भाजपा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को कोसते हैं उन्हीं गहलोत के पुत्र को पठान खुला समर्थन दे रहे हैं। असल में एक कारोबारी ने जयपुर में पठान के विरुद्ध ८० लाख रुपए वसूलने का आरोप लगाते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज करवाया है। पठान अब इसी मुकदमे में एफआर लगवाना चाहते हैं। एफआर लगवाने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मदद चाहिए। यानि पठान पहले अपना हित देख रहे हैं। मुकदमे में एफआर लगवाने में केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्री नकवी कोई मदद नहीं कर सकते है।
यूनिवर्सिटी के नाम पर भी चंदा वसूली:
ख्वाजा साहब की दरगाह के अनेक खादिमों ने दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान पर ख्वाजा साहब के नाम पर बनने वाली यूनिवर्सिटी के लिए चंदा वसूली का आरोप लगाया है। खादिमों का कहना है कि जिस यूनिवर्सिटी का शिलान्यास पठान ने केन्द्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्त्यार अब्बास नकवी से करवाया उस यूनिवर्सिटी के भवन का मानचित्र भी अभी तक स्वीकृत नहीं करवाया है। इतना ही नहीं इस यूनिवर्सिटी के लिए किसी भी सरकारी संस्थान से मान्यता नहीं ली गई है। लेकिन इसके बावजूद भी व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार कर यूनिवर्सिटी के नाम पर चंदा उगाया जा रहा है।
केन्द्र सरकार की दरगाह कमेटी के अध्यक्ष आमीन पठान अब कांग्रेस के पक्ष में आए।