कुलभूषण जाधव से भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर आहलूवालिया ने अकेले में मुलाकात की। पाकिस्तान के मंसूबों को समझना होगा।
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2 सितम्बर को इस्लामाबाद में भारत के डिप्टी हाई कमिश्नर गौरव आहलूवालिया ने पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से अकेले में मुलाकात की। भारत का आरोप है कि नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को ईरान से जबरन पकड़ा गया। 2017 में गिरफ्तारी के 2 सितम्बर को पहला मौका रहा, जब जाधव को अंतर्राष्ट्रीय नियमों के तहत कांसुलर एक्सेस की सुविधा दी है। जाधव को आतंकी गतिविधियों में लिप्त मानते हुए पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा दे रखी है। हालांकि भारत की पहल पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में फांसी की सजा पर रोक लगा दी। अब न्यायालय के आदेशों के अनुरूप ही जाधव को कांसुलर एक्सेस की सुविधा दी गई है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद जो पाकिस्तान भारत पर परमाणु हमले की धमकी दे रहा था, वह अचानक जाधव के मुद्दे पर इतना नरम क्यों पड़ गया है, इसे भारत को समझना होगा। गत वर्ष तो पाकिस्तान ने जाधव की मां और पत्नी को भी अकेले में नहीं मिलने दिया था। चूंकि जाधव पाक सेना के कब्जे में है, इसलिए जाधव से कुछ भी बयान दिलवाया जा सकता है। पाकिस्तान ने कभी भारत के प्रति सकारात्मक रुख नहीं अपनाया है। हमेशा भारत को नुकसान करने वाले कार्य ही किए हैं। एक ओर जब पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को लगातार अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठा रहा है जब जाधव को कांसुलर एक्सेस देना मायने रखता है। भारत को पाकिस्तान के इन मंसूबों को समझना होगा। यह माना कि कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को दुनियाभर में कोई समर्थन नहीं मिल रहा हैं। यहां तक एक भी मुस्लिम देश पाकिस्तान के साथ नहीं है, लेकिन फिर पाकिस्तान की बदली हुई नियत को समझना होगा। हमारी सफलता तभी है, जब जाधव सकुशल भारत लौटे। इसके लिए अभी पाकिस्तान में न्यायिक प्रक्रिया का भी सामना करना होगा। प्रधानमंत्री इमरान खान में इतना दम नहीं है कि वह अपनी सेना से जाधव को छीन कर भारत को सौंप दें। वैसे ही इन दिनों पाकिस्तान में इमरान खान को बहुत कमजोर प्रधानमंत्री माना जा रहा है। पाकिस्तान में हिन्दू समुदाय पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। लड़कियों को जबरन उठाकर ले जाने, धर्म परिवर्तन करवाने आदि की घटनाएं बढ़ रही हैं। Up y
Pakistan k mansuboo ko smajhnaa hoga..........