राजस्थान के खान मंत्री पमोद जैन जब भास्कर अखबार का फोन रिसीव नहीं करते तो अजमेर सहित राजस्थान के आम नागरिक और कांग्रेस के कार्यकर्ता की क्या बिसात है?


राजस्थान के खान मंत्री प्रमोद जैन जब भास्कर अखबार का फोन रिसीव नहीं करते तो अजमेर सहित राजस्थान के आम नागरिक और कांग्रेस के कार्यकर्ता की क्या बिसात है?
10 सितम्बर के दैनिक भास्कर अखबार में प्रथम पृष्ठ पर खबर छपी है कि भास्कर ने राजस्थान के खान मंत्री प्रमोद जैन ने मोबाइल नम्बर 9660027111 पर फोन किया तो रिसीव नहीं हुआ। मंत्री ने एसएमएस का भी जवाब नहीं दिया। मंत्री के निजी सहायक मुकेश जैन से भी आग्रह किया कि मंत्री जी से बात करवाई जाए, लेकिन फिर भी मंत्री से बात नहीं हो सकती। भास्कर के मालिक सम्पाक अथवा रिपोर्टर को प्रमोद जैन से खान का आवंटन नहीं करवाना था। रिपोर्टर तो खान निदेशक जीतेन्द्र उपाध्याय के बयान पर मंत्री का पक्ष जानना चाहता था। उपाध्यक्ष का कहना रहा कि मैं विभाग में निदेशक हंू, लेकिन मेरी भूमिका डाकिए की हो गई। मुझे कोई अधिकार नहीं। मेरी  महत्वपूर्ण राय को दरकिनार किया जा रहा है। खान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे सुदर्शन सेठी ने मौखिक आदेश देकर पाबंद किया कि मैं कोई फैसला नहीं करूं। मालूम हो कि तीन दिन पहले मंत्री प्रमोद जैन की नाक के नीचे सचिवालय में कार्यरत खान विभाग के संयुक्त सचिव बीडी कुमावत को दो दलालों से लाखों रुपए की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। भास्कर अखबार का फोन भी रिसीव नहीं करना, इसलिए मायने रखता है कि अजमेर सहित राजस्थान भर के आम नागरिक और कांग्रेस कार्यकर्ता की भी ऐसी शिकायतें हैं। प्रमोद जैन अजमेर के प्रभारी मंत्री है, लेकिन अजमेर की समस्याओं के समाधान में उनकी कोई रुचि नहीं है। अजमेर के जरूरतमंद और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी सम्पर्क करना चाहते हैं, लेकिन जैन से सम्पर्क नहीं होता। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रियों को अपने प्रभार वाले जिलों में दौरे करने के निर्देश दिए थे, लेकिन प्रमोद जैन ने मुख्यमंत्री के निर्देश भी नहीं माने हैं। अब जब प्रमोद जैन भास्कर जैसे अखबार का फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं तो उन लोगों को सुकून मिला है जिन्हें ऐसी शिकायतें हैं। अब ऐसे लोगों को मंत्री के रुतबे का मतलब भी समझ आ गया होगा।
रा