तो क्या अब नरेन्द्र मोदी जी , अमेरिका की राजनीति भी प्रभावित करने लगे।


तो अब नरेन्द्र मोदी जी अमरीका की राजनीति भी प्रभावित करने लगे। 
हाउडी मोदी के कार्यक्रम पर राहुल गांधी का ट्वीट कितना मायने रखता है। 
भारतीय समय के अनुसार २२ सितम्बर की रात साढ़े आठ बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमरीका के ह्यूस्टन के फुटबॉल मैदान पर भारतीय मूल के अमरीकी नागरिकों को संबोधित करेंगे। संबोधन से पहले कोई ९० मिनट तक सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस कार्यक्रम का नाम अमरीका में प्रचलित प्रोग्रामों के अनुरूप हाउडी मोदी रखा गया है। मोदी के इस कार्यक्रम का महत्त्व तब और बढ़ गया है, जब अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी सहमति दे दी। ट्रंप हाउडी मोदी कार्यक्रम में भाग लेंगे, यह कोई अचानक तय नहीं हुआ। असल में यह भारत और अमरीका की कूटनीति रही। अमरीका में अगले वर्ष राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं। चूंकि हाउडी मोदी कार्यक्रम में ५० हजार से भी ज्यादा भारतीय यानि अमरीकी मतदाता उपस्थित रहेंगे, इसलिए ऐसी सोची समझी रणनीति के तहत ट्रंप की उपस्थिति करवाई गई है। कार्यक्रम में मोदी की ओर से यह दर्शाया जाएगा कि मौजूद समय में भारत के लिए डोनाल्उ ट्रंप एक मददगार राष्ट्रपति साबित हो रहे हैं। सब जानते हैं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद ३७० को हटाने के बाद पाकिस्तान को नियंत्रित करने में ट्रंप की विशेष भूमिका रही है। ट्रंप का रुख पूरी तरह भारत के साथ रहा है। हो सकता है कि ट्रंप अपने संबोधन में आर्थिक मोर्चे पर भारत को कुछ राहत भी दें। यानि अब नरेन्द्र मोदी अमरीका की राजनीति को भी प्रभावित करने लगे हैं। यदि ऐसा नहीं होता तो हाउडी मोदी कार्यक्रम में ट्रंप भाग नहीं लेते। ट्रंप को भी पता है कि मोदी की लोकप्रियता सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में खास कर अमरीका में रहने वाले भारतियों के बीच भी है। ऐसे में यदि मोदी अपने संबोधन में ट्रंप को भारत का मददगार बताएंगे तो अमरीका के चुनाव में ट्रंप को फायदा होगा ही। 
हाउडी मोदी कार्यक्रम की कुछ लोग आलोचना भी कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया है कि ऐसे कार्यक्रमों से देश में चल रही आर्थिक मंदी की ओर से ध्यान नहीं हटाया जा सकता। राहुल का मानना है कि १.४ लाख करोड़ की टैक्स में राहत देकर भी लोगों को खुश नहीं किया जा सकता है। राहुल गांधी विपक्ष के नेता हैं इसलिए उन्हें अपनी राय प्रकट करने का अधिकार है, लेकिन राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि ह्यूस्टन में जो कार्यक्रम हो रहा है उस पर भारत सरकार का पैसा खर्च नहीं हो रहा। ह्यूस्टन में रहने वाले भारतीयों ने इंडिया फोरम नामक संस्था बना रखी है। नरेन्द्र मोदी के राजनीतिक कद और अंतर्राष्ट्रीय छवि को ध्यान में रखते हुए इस फोरम ने फुटबाल मैदान बुक करवाया है। पचास हजार की क्षमता वाला यह मैदान पूरा बुक हो चुका है और दस हजार लोग अभी बुकिंग के इंतजार में हैं। क्या यह भारत के सवा सौ करोड़ लोगों के लिए सम्मान की बात नहीं है? राहुल गांधी माने या नहीं लेकिन आज हर देशभक्त भारतीय स्वयं को गौरवांवित महसूस कर रहा है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद ३७०  को हटाकर नरेन्द्र मोदी ने इस प्रदेश के ८० प्रतिशत क्षेत्र में शांति कायम कर दी है। मोदी सरकार की कूटनीति ही है कि पाकिस्तान को अब कश्मीर के मुद्दे पर मुस्लिम देशों का भी समर्थन नहीं मिल रहा है। क्या राहुल गांधी नहीं चाहते थे कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग रहे और भारत की धाक अमरीका सहित विश्व भर में हो? यदि डोनाल्ड ट्रंप दोबारा से अमरीका का राष्ट्रपति बनने के लिए नरेन्द्र मोदी की मदद ले रहे हैं तो भारत के लिए इससे ज्यादा सम्मान की बात और क्या हो सकती है।


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