तो पी सी यस इंटरव्यू में अब ऐसे सवाल भी पूछे जाएंगे।

तो पी सी यस इंटरव्यू में अब ऐसे सवाल भी पूछे जाएंगे!



मिलिए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के विद्वान सदस्यों से! अखबारों में ख़बर है कि पीसीएस इंटरव्यू में पूछा जा रहा है कि आजम खां पर कुल कितने केस दर्ज हैं! है न अद्भुत ज्ञान-विज्ञान से जुड़ा सवाल!


सदस्य विद्वतजन बताएंगे कि इससे वे किस ज्ञान-विज्ञान और प्रशासनिक मेधा और समझ की परख करना चाहते हैं? तो इसे इस रूप में क्यों न माना जाय कि वे मौजूदा निज़ाम को ख़ुश कर उसका कृपापात्र बने रहने के लिए यह कर रहे हैं. और इसके कुछ गहरे निहितार्थ भी लगते हैं।


गहरे निहितार्थ इस अर्थ में कि क्या यह सवाल पूछ कर वे अभ्यर्थी को एक खास राजनीति से अनुकूलित करने की कोशिश नहीं कर रहे? अन्यथा आजम खां पर मुकदमे का मामला क्या ऐसा विषय है जिसे प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा के इंटरव्यू में प्रश्न बना दिया जाय?


फिर तो इस कड़ी का कोई अंत नहीं। इस कड़ी में तो फिर चक्रवर्ती वजीरेआजम नरेंद्र मोदी जी, परम विद्वान और अभूतपूर्व गृहमंत्री अमित शाह जी और अपनी समरसता भरी मधुर वाणी के लिए मशहूर आदरणीय योगी जी आखिर कैसे बक्शे जा सकते हैं?


अभ्यर्थी को तो सबसे पहले शीर्ष नेतृत्व के बारे में ही जानकारी रखनी चाहिए न! अभ्यर्थियों से ही खुलवाईये इनके केस! इनके मामले बताने के लिए तो उन्हें थोड़ी दिमागी कसरत भी करनी पड़ेगी क्योंकि विषय जरा पुराने हैं। इससे तो अभ्यर्थियों की याददाश्त की शायद सही परख भी हो जाए!


आयोग की गरिमा का कुछ तो लाज रखो भाई!