Ummid hai ki Rajasthan me kanun vyoastha jald sudhregi .............

 


उम्मीद है कि राजस्थान में कानून व्यवस्था जल्द सुधरेगी-डिप्टी सीएम पायलट। 
धौलपुर में पुलिस फायरिंग में मरे युवकों के परिजन से मुलाकात की।
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1 सितम्बर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने धौलपुर में पुलिस फायरिंग में मरे दो युवकों के परिजन से मुलाकात की। चूंकि मृतक गुर्जर समुदाय से हैं, इसलिए धौलपुर के गुर्जरों में सरकार के प्रति भारी आक्रोश को देखते हुए एक सितम्बर को पायलट ने धौलपुर का दौरा किया। परिजन से मुलाकात के बाद पायलट ने मीडिया से कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि प्रदेश की कानून व्यवस्था  जल्द सुधर जाएगी। धौलपुर में दो युवकोंकी पुलिस गोली से मौत हो गई जो बेहद गंभीर बात है। इस मामले में दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही होगी। उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मृतकों के परिजन को भी उचित मुआवजा दिलवाया जाएगा। 
चंबल की रेत को लेकर हुई फायरिंग:
प्राप्त जानकारी के अनुसार 30 अगस्त की शाम को धौलपुर जिले के बसई डांग थाना क्षेत्र के जगदीश के अड्डे के निकट पुलिस और रेत भर कर ला रहे ट्रेक्टर चालकों में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि दोनों और फायरिंग शुरू हो गई। इस फायरिंग में दो ट्रेक्टर चालकों की मौत हो गई तथा तीन गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जवाबी फायरिंग में पुलिस कर्मी भी जख्मी हुए। हालांकि अब दोनों ओर से नामजद रिपोर्टदर्ज हो गई है, लेकिन प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर यह घटना महत्वपूर्ण है। प्रदेश के डिप्टी सीएम भी मान रहे हैं कि कानून व्यवस्था बिगड़ी हुई है। राजनीतिक दृष्टि से पायलट का बयान बहुत मायने रखता है। 
रोक के बाद पुलिस कार्यवाही क्यों?:
नदियों से बजरी खनन को लेकर पिछली भाजपा सरकार बहुत बदनाम रही। सुप्रीम कोर्ट की रोक की आड़ में पुलिस वालों की चांदी हो गई। कई थानाधिकारियों ने अपने क्षेत्र के विधायक को भी प्रति ट्रेक्टर डम्पर पर राशि तय कर दी। पुलिस की खुली लूट खसोट की वजह से बजरी के भाव आसमान छूने लगे। दिसम्बर 2018 में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साफ कहा है कि अवैध बजरी पकडऩे का काम पुलिस का नहीं है। यह काम खनन विभाग का है। खनन विभाग के अधिकारियों के बुलावे पर ही पुलिस मौके पर जाए। सवाल उठता है कि मुख्यमंत्री की मनाही के बाद धौलपुर पुलिस अवैध बजरी पर कार्यवाही क्यों कर रही थीं? जाहिर है कि पुलिस पर मुख्यमंत्री के आदेशों का असर नहीं हो रहा है। जिन जिलों की पुलिस मुख्यमंत्री का आदेश मान रही है वहां बजरी के भाव जमीन पर आ गए हैं। पुलिस की लूट खसोट का खमियाजा आम लोगों को ही उठाना पड़ रहा था।


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