आरसीए में हार का बदला क्या रामेश्वर डूडी खींवसर और मंडावा के उपचुनाव में लगे?


आरसीए में हार का बदला क्या रामेश्वर डूडी खींवसर और मंडावा के उपचुनाव में लेंगे?
डूडी गुट को बुरी तरह हराकर मुख्यमंत्री के बेटे वैभव गहलोत राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने। 
४ अक्टूबर को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) का अध्यक्ष चुन लिया गया। हालांकि निर्वातमान अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि वैभव गहलोत को आरसीए का अध्यक्ष बनवाने में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कोई भूमिका नहीं है, लेकिन सब जानते हैं कि आरसीए चुनाव में कांग्रेस संगठन पूरी तरह लहूलुहान हुआ है। वैभव की उम्मीदवारी को कांग्रेस के ही दिग्गज नेता रामेश्वर डूडी ने चुनौती दी थी। डूडी को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है। डूडी ने चुनाव के दौरान ही सरकार के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा था कि अब राजस्थान की जनता सबक सिखाएंगी, इसलिए यह सवाल उठता है कि क्या २१ अक्टूबर को नागौर के खींवसर और झुझुनू के मंडावा में होने वाले विधानसभा चुनाव में रामेश्वर डूडी कोई नकारात्मक भूमिका निभाएंगे? नागौर के सांसद और आरएलपी  के संयोजक हनुमान बेनीवाल पहले ही यह आरोप लगा चुके हैं कि डूडी की राजनीति को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी कहा कि यदि डूडी भाजपा में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है। यहां यह उल्लेखनीय है कि जाट समुदाय में डूडी का खासा प्रभाव है और खींवसर और मंडावा दोनों ही सीटें जाट बहुल्य मानी जाती है। गत भाजपा के शासन में डूडी ने ही विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता की भूमिका निभाई थी। डूडी के समर्थकों का कहना है कि भाजपा के पांच वर्ष के शासन में डूडी ने जो संघर्ष किया उसी का परिणाम है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी। लेकिन जब डूडी ने आरसीए का अध्यक्ष बनने का प्रयास किया तो मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने बेटे वैभव गहलोत को मैदान में उतार दिया। वैभव के लिए सत्ता का जमकर दुरुपयोग हुआ, इसलिए डूडी आरसीए के अध्यक्ष नहीं बन सके। डूडी चुनाव न लड़ सके इसलिए नागौर जिला संघ की मान्यता ही खत्म कर दी गई। सीएम के पुत्र वैभव गहलोत भले ही आरसीए के अध्यक्ष बन गए हों, लेकिन इसका प्रभाव अब राजस्थान की कांग्रेस की राजनीति पर पड़ेगा। आरसीए के चुनाव में डूडी की बुरी तरह हार हुई है। कुल ३१ मतों में से डूडी गुट के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रामप्रकाश चौधरी को मात्र ६ वोट मिले, जबकि वैभव गहलोत ने २६ मत हासिल किए। वैभव गहलोत का पूरा पैनल विजय हुआ है। परिणाम के मुताबिक अमीन पठान उपाध्यक्ष, महेन्द्र शर्मा सचिव, महेन्द्र नाहर संयुक्त सचिव, कृष्ण कुमार निमावत कोषाध्यक्ष तथा देवराम चौधरी सदस्य के तौर पर चुने गए हैं। डूडी का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने अपने बेटे को जितवाने के लिए भाजपा के नेताओं से भी हाथ मिला लिया। भाजपा के प्रमुख नेता और मौजूदा समय में अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान का भी खुला सहयोग लिया गया। इतना ही नहीं कई मंत्रियों, आईएएस अफसरों आदि की ड्यूटी भी वैभव को जितवाने में लगाई गई।