इन्हीं एडेड स्कूलों के सहारे , सरकारी हुक्मरानों की रोजी-रोटी और उनकी अय्याशियां तो नहीं फल-फूल रही है।

मीनाक्षी निगम की कलम से -


कहीं इन्हीं एडेड स्कूलों के सहारे....सरकारी हुक्मरानों की रोजी-रोटी और उनकी अय्याशियां तो नहीं फलफूल रहीं हैं!!! 


जी हां, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के डीआईओएस डा० मुकेश कुमार सिंह की कलम अखबारी हवाले से कमजोर विद्यालय प्रबंधकों की ओर चलने तो लगी है (इस बावत अभी पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं ) वहीं दूसरी ओर डीआईओएस की अपनी नाक के नीचे रामाधीन सिंह इंटर कालेज,बाबूगंज के बाहुबली हिस्ट्रीशीटर भूमाफिया हत्यारे प्रबंधक सूरज वर्मा की ओर चलने से अभी भी कतरा रही है जबकि इस कालेज प्रबंधन के सारे अवैध कुकर्मो की कुण्डली शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन की दरो-दीवार में अच्छी तरह से समाई हुई है। 


इस कालेज प्रबंधक से कोई खास लगाव है क्या भाई❓❓❓


डीआईओएस साहब को फिर से बताते चलें कि यहां तो लगभग 7 बीघे पक्की नजूल भूमि पर स्कूल की आड़ में शापिंग काम्प्लेक्स, गेस्ट हाउस,वीएस मोटर्स सर्विस सेंटर के साथ-साथ मैरिज लान  और उसपर बार-बालाओं के फूहड़ डांस हो रहे हैं। 


यहां की तस्वीरें देखकर ऐसा लगता है जैसे कि शिक्षा विभाग सहित लखनऊ का जिला प्रशासन इस जगह से वाकई में पूरी तरह से अंजान है या फिर इस विद्यालय का नाम सरकारी अभिलेखों में अब तक दर्ज ही नहीं किया गया!!!


वैसे इस संदिग्ध अवैध कब्जायुक्त-अवैध निर्माण सरकारी स्थल पर सत्ताधारी सरकार के तमाम सफेदपोश भ्रष्टाचारियों के नाम स्वर्णिम अक्षरों में चमकते आज भी देखे जा सकते हैं। 


हैरानी की बात ये है कि राजधानी के हमारे बड़े-बड़े मीडिया घरानों के कैमरे ऐसे शिलालेखों को अपने कैमरों में कैद करने से चूक कैसे गए ❓❓❓


सवाल यह भी उठता है कि जो कैमरे भ्रष्टाचारी नेताओं के बेडरूम से लेकर विदेशी जमीं पर उनकी फिज़ा बनाने के नजरिये से बड़ी आसानी से अपनी पहुंच बना लेते हैं उनके कैमरे राजधानी के भ्रष्टाचारियों के अवैध काले कारनामे दिखाने से चूक कैसे जाते हैं ❓❓❓


अब मामला जो भी बनता हो उसे बयां नहीं किया जा सकता लेकिन बावजूद इसके संजय आजाद अपनी कलम और मोबाइल के कैमरे में इसे कैद करने से भला कैसे चूक सकता है!!!


खैर छोड़िये जाने दीजिये मामला जो भी हो यह तो राजधानी के सरकारी जिम्मेदारान ही जान सकते हैं !!!


किन्तु लेकिन परन्तु.... मीनाक्षी निगम की नजर में मामला कुछ तो गड़बड़ है....