उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में बढ़ा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कद, भाजपा को लगा हैं झटका जगने कौन जीता किस सीट से।


लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में सबसे बड़ा लाभ सपा को हुआ, जिसने एक एक सीट भाजपा और बसपा से छीनी जबकि रामपुर सीट पर कब्जा बरकरार रखा। कुल ११ विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे गुरूवार शाम को आ गये। सत्ताधारी भाजपा ने सात और उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती। सपा ने जैदपुर सीट भाजपा से छीनी तो जलालपुर सीट बसपा से छीनकर अपने खाते में डाली। रामपुर सीट पर पार्टी का कब्जा बरकरार रहा।





भाजपा ने बलहा, गंगोह, मानिकपुर, घोसी, इगलास, लखनऊ कैण्ट और गोविन्दनगर सीटों पर जीत हासिल की जबकि अपना दल (एस) ने प्रतापगढ सीट जीती।  राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि उपचुनाव में 'मोदी फैक्टर' का अभाव रहा, जिसने भाजपा की संभावनाओं पर असर डाला।  हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जमकर प्रचार किया और भाजपा सभी ११ सीटों पर जीत का दावा कर रही थी।उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में सपा प्रत्याशियों की विजय पर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह लोकतंत्र बचाने के लिए मिला जनादेश है। यह भाजपा की गलत एवं जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता की नाराजगी है। रामपुर सीट पर सपा सांसद आजम खां की पत्नी और सपा प्रत्याशी तंजीन फातिमा ने भाजपा के भारत भूषण को लगभग ८ हज़ार वोट से हरा दिया।  इगलास सीट पर भाजपा के राजकुमार सहयोगी ने बसपा के अभय कुमार को लगभग १७ हजार मतों से पराजित किया। गोविन्दनगर में भाजपा के सुरेन्द्र मैथानी ने कांग्रेस की करिश्मा ठाकुर को २१ हजार से अधिक मतों से हराया।  सबसे पहला परिणाम जैदपुर का आया।  इस सीट पर सपा के गौरव कुमार ने भाजपा के अंबरीश को ४१६५ मतों से हराया।  यह सीट सपा ने भाजपा से छीनी है। बलहा सुरक्षित सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार है।  यहां भाजपा की सरोज सोनकर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा की किरण भारती को ४६ हजार ४८७ मतों से हराया। घोसी विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा ने जीत हासिल करते हुए इस सीट पर कब्जा बरकरार रखा।  निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित परिणाम के मुताबिक भाजपा के विजय कुमार राजभर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा समर्थित निर्दल प्रत्याशी सुधाकर सिंह को १७७३ मतों से हराया।  हलाकि आखरी वक्त तक सिम्बल न मिल पाने की स्थिति में सुधाकर सिंह निर्दल प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरे थे, और सपा का समर्थन था, मगर इसके बावजूद काफी कम अंतर से ही भाजपा इस सीट को बचा पाई है।वही दूसरी तरफ जलालपुर विधानसभा सीट सपा ने बसपा से छीन ली है।  सपा प्रत्याशी सुभाष राय ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी बसपा की छाया वर्मा को ७९० मतों के नजदीकी अंतर से पराजित करके बसपा से यह सीट छीन ली।  वर्ष २०१७ के विधानसभा चुनाव में यह सीट बसपा ने जीती थी।  अपना दल प्रत्याशी राजकुमार पाल प्रतापगढ विधानसभा सीट पर चुनाव जीत गये हैं।  पाल ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के बृजेश वर्मा को २९ हजार ७१४ मतों से हराया।  भाजपा की सहयोगी अपना दल ने अपनी यह सीट बरकरार रखी है।  भाजपा ने लखनऊ कैण्ट सीट बरकरार रखी है।पार्टी प्रत्याशी सुरेश चंद्र तिवारी ने इस सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी सपा के मेजर आशीष चतुर्वेदी को पराजित किया।  आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि तिवारी को ५६ हजार ६८४ मत मिले जबकि सपा के चतुर्वेदी को २१ हजार २६१ मत हासिल हुए।  कांग्रेस के दिलप्रीत सिंह को १९ हजार ४४५ और बसपा के अरूण द्विवेदी को १० हजार ७०९ मत मिले।  लखनऊ कैण्ट सीट पर २०१७ के विधानसभा चुनाव में भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी चुनाव जीती थीं।  रीता के इलाहाबाद से लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लखनऊ कैण्ट सीट रिक्त हो गयी थी।कांग्रेस गंगोह में पहले बढत बनाये हुए थी लेकिन अंतिम दौर की मतगणना में भाजपा आगे हो गयी।  गंगोह विधानसभा सीट के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने ज्यादातर राउंड तक पीछे रहने के बाद जोरदार वापसी करते हुए अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी को हरा दिया।  जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि गंगोह उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कीरत सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार नोमान मसूद को ५३६२ मतों से हरा दिया है।यहां भाजपा प्रत्याशी को ६८ हजार २३७ मत जबकि मसूद को ७२ हजार ८७५ वोट मिले।  सपा के चौधरी इन्द्रसेन को ५७ हजार ३५२ तथा बसपा के चौधरी इरशाद को ३२ हजार २६९ मत हासिल हुए।  कांग्रेस ने लगातार बढ़त बनाये रहे अपने प्रत्याशी के ऐन मौके पर हारने का विरोध किया है।  पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने चुनाव आयोग से मामले की निष्पक्षता से जांच कराने की मांग की है।  प्रियंका ने कहा कि भाजपा इतने अहंकार में है कि गंगोह से हमारे जीतते हुए प्रत्याशी को मतगणना स्थल से निकालकर उसके मंत्री ने जनता का निर्णय बदलवा दिया।  जिलाधिकारी को पांच- पांच बार फोन करके गड़बड़ी करायी गयी।  यह लोकतंत्र का सरासर अपमान है।  उन्होंने 'ट्वीट' कर कहा कि कांग्रेस इसके खिलाफ सख्ती से लड़ेगी।  निर्वाचन आयोग से मांग है कि वह इस मामले की निष्पक्षता से जांच कराये….........................................................उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज करने वाले सभी प्रत्याशियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बधाई दी।  योगी ने कहा, ”इस जीत को सभी चुने गए जन प्रतिनिधि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र 'सबका साथ, सबका विकास' के माध्यम से सबका विश्वास में बदलेंगे' मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि जीते हुए सभी प्रत्याशी जन आकांक्षाओं को पूरा करने में अपना पूर्ण योगदान देंगे तथा प्रदेश की प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।जिन ११ सीटों पर सोमवार को उपचुनाव हुए, उनमें से आठ पर भाजपा का और एक पर उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) का कब्जा था।  दो सीटों पर सपा और बसपा का कब्जा था।  मई के लोकसभा चुनावों में विधायकों के जीतने के बाद अधिकांश सीटों पर उपचुनाव कराने पडे़।  घोसी विधायक फागू चौहान को बिहार का राज्यपाल बनाये जाने के बाद यह सीट रिक्त हो गयी थी।





 




 

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