महाराष्ट्र में रातो-रात बड़ा उलटफेर कर बीजेपी की सरकार बनवाने के अलावा 2017 में गोवाऔर मणिपुर सरकार बनाने में भी इस जोड़ी को सफलता मिली थी. पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी बड़े उलटफेर करने व बड़े फैसले लेने में माहिर मानी जाती है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद एनडीए के दो सहयोगी दलों बीजेपी-शिवसेना में मुख्यमंत्री पद को लेकर शुरू हुई खींचतान आज सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई है. महाराष्ट्र में हर दिन नया सियासी ड्रामा देखने को मिल रहा है. इस सब के बीच शनिवार सुबह महाराष्ट्र राजभवन की तस्वीरें देखकर देश चौंक गया. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस को सीएम और एनसीपी के अजित पवार को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिला दी थी. हालांकि, शुक्रवार देर रात एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस और शिवसेना की संयुक्त बैठक के बाद उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी थी.
महाराष्ट्र में सियासी समीकरण रातो-रात पलटे गए थे. हालांकि, ऐसा पहली बार नहीं हुआ था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कई बार ऐसे कारनामे कर देश को चौंका चुके हैं. साल 2014 के बाद मोदी सरकार के फैसले और सियासी उलटफेर पर नजर डालें तो पता चलता है कि ये जोड़ी इस काम में माहिर है. महाराष्ट्र से पहले गोवा में भी बीजेपी सरकार बनने से पहले आधी रात के बाद सियासी ड्रामा चला था. गोवा में 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2017 में हुए चुनाव में कांग्रेस 17 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. उम्मीद थी कि गोवा में कांग्रेस की सरकार बनेगी. अचानक बीजेपी नेता नितिन गडकरी सक्रिय हुए. फिर सरकार बनाई 13 सीट वाली BJP ने और मनोहर पर्रिकर मुख्यमंत्री बनाए गए.
पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की जोड़ी ने गोवा तथा मणिपुर में भी बहुमत का आंकड़ा जुटाकर बीजेपी सरकार बनाने में सफलता हासिल की थी.मणिपुर में पहली बार बीजेपी की सरकार बनवाने में मिली सफलता पूर्वोत्तर की 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा के लिए 2017 में चुनाव हुए. इसमें कांग्रेस ने 28 सीटों पर जीत हासिल की. बीजेपी के 21 विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे. यहां भी सभी को लगा कि कांग्रेस सरकार बनाएगी. लेकिन, एक रात में समीकरण बदल गए और राज्य में पहली बार बीजेपी की सरकार बन गई. राज्य में नगा पीपुल्स फ्रंट ने 4, नेशनल पीपुल्स पार्टी ने 4, लोक जनशक्ति पार्टी ने 1, ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने 1 और निर्दलीय उम्मीदवारों ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी. यहां भी बीजेपी ने गठबंधन कर सरकार बनाई और पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी एन. बीरेन सिंह को मुख्यमंत्री बनाया.