टूटा रिकॉर्ड १२६ साल का क्रिकेट में ,सभी बल्लेबाज शून्य पर हुऐं आउट।

टीम के सभी बल्लेबाज शून्य पर हुए आउट सचिन तेंदुलकर सहित कई खिलाड़ी खेल चुके हैं टूर्नामेंट में।




761 रन बनाकर 754 रन से जीता एक टीम ने मैच




कल यानि शुक्ववार को डे-नाईट टेस्ट मैच खेलकर टास भारत इतिहास में नाम दर्ज करेगा लेकिन आज गुरवार क्रिकेट का ऐसा दिन रहा जिसे याद कर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर भी कई बार सोचेंगे और भारतीय तथा यहां की रणजी टीम में खेलने वाले अन्य कई धुरंघर भी। आज एक ऐसे टूर्नामेंट में एक टीम के सभी खिलाड़ी शुन्य पर आउट हुए जिसमें तेंदुलकर भी खेल चुके हैं और अन्य कई खिलाड़ी भी। इस टूर्नामेंट में क्रिकेट के इतिहास में 126 साल का रिकार्ड टूट गया। एक टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 761 रन बनाए और 754 रन से जीत दर्ज कर ली। जो सात रन का अंतर रहा वह भी इसका की टीम के गेंदबाजों ने गेंदबाजी करते हुए एक बाई गेंद फेंक दी और छह गेंद वाइड रहीं। किसी क्रिकेट टूर्नामेंट में ऐसा भी होता होगा ऐसा ना तो निशंक न्यूज ने किसी साथी ने सुना है और भरोसा है कि आप क्रिकेट से प्रेम करते होंगे तो आपने भी ना तो ऐसा सुना होगा और ना ही ऐसा मैच देखा होगा, लेकिन ऐसा हो गया और वह भी मुंबई में जहां से सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली, वसीम जाफर, अमूल मजूसमदार, अजीत आगरकर जैसे खिलाड़ी निकले हों।



 बात कर रहे हैं मुंबई में होने वाली हैरिस शील्ड अंडर -16 टूर्नामेंट की। जिसमें क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर सहित कई ऐसे खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखा चुके हैं जो बाद में रणजी के साथ ही भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बने और अपनी खेल प्रतिभा को लोहा पूरे विश्व में मनवाया। इसकी शुरुआत 126 साल पहले की गई थी। तब भारत आजाद भी नहीं हुआ था और अंग्रेजी शासन में एक टूर्नामेंट को सबसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में एक माना जाता था। तब से यह टूर्नामेंट लगातार चल रहा है। इसके माध्मम से ही क्रिकेट की उभरती प्रतिभाओं को पहचाने जाने का काम भी किया जाता रहा है।इनके बीच था मैच इस बार मैच स्वामी विवेकानंज स्कूल तथा चिंल्रडन बेल्फेयर सेंटर के बीच खेला जा रहा था। इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए स्वामी विवेकानंद स्कूल की टीम ने 45 ओवर में चार विकेट पर 761 रन का भारी भरकम स्कोर बनाया। जबाव में उतरी चिल्रडेंन स्कूल की टीम ने ऐसा किया जिसमें भारत के क्रिकेट के नाम को शर्मशार कर दिया। इस टीम के सभी खिलाड़ी बल्लेबाजी के लिये मैदा में उतरे लेकिन एक भी खिलाड़ी अपना खाता भी नहीं खोल सका। मतलब हर खिलाड़ी जीरो पर आउट हो गया और स्वामी विवेकानंद स्कूल की टीम 754 रन से यह मैच जीत गई। इस टूर्नामेंट में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीम का एक भी खिलाड़ी एक भी रन न बन सका हो। सात रन अगर टीम के खाते में जुड़े तो वह भी गेंदबाजों की गलती से एक रन बाई का मिला और शोष छह रन वाइड के रूप में निकले जिससे टीम की जीत में सात रन का अंतर आ सका।एक खिलाड़ी ने बनाए 338 रन एक तरफ स्वामी विवेकानंद स्कूल की टीम ने 761 रन बनाए दूसरी तरफ चिंल्रडन बेल्फेयर सेंटर की टीम के सभी खिलाड़ी शून्य पर आउट हुए लेकिन इस मैच में रोचक बात यह भी रही कि स्वामी विवेकानंद स्कूल की टीम के एक बल्लेबाज ने अकेले ही 338 रन की पारी खेली। यह खिलाड़ी रहा मीत मयंकर जिसने 338 रन की अपनी पारी में 56 चौके तथा सात छक्के लगाए।