जिस तरह माना जा रहा था, महाराष्ट्र अब कुछ ही देर की और रह गई है. उप मुख्यमंत्री अजीत पवार अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं, खबरों के मुताबिक जब आप यह खबर पढ़ रहे होंगे तब तक मुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनवीस भी इस्तीफा दे चुके होंगे ।
इधर चलती रही तैयारी, उधर बीजेपी – एनसीपी ने बना ली सरकार
लेकिन इस बीच करीब साढ़े तीन दिन की सरकार में अजीत पवार को एक लाभ मिल चुका है, करोड़ों रुपए के सिंचाई घोटाले में उन्हें आज क्लीन चिट मिल चुकी है। किंतु, समझा जा सकता है कि, इन साढ़े तीन दिनों के डिप्टी सीएम पद ने उनका राजनीतिक भविष्य लगभग खत्म कर दिया है. उनकी पार्टी राकांपा का एक भी विधायक उनके साथ नहीं रहा।
विधायक दल के नेता पद से उनको शनिवार को डिप्टी सीएम बनते ही हटा दिया गया था. उनकी जगह पार्टी ने जयंत पाटिल को कार्यवाहक अध्यक्ष घोषित कर दिया था. आज मंगलवार को विधानसभा सचिवालय ने भी पाटिल को ही विधायक दल का नेता माना। हालांकि इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कल सायं होने वाले फ्लोर टेस्ट के सीधे प्रसारण और बहुमत परीक्षण से पूर्व विधायकों की शपथ ग्रहण कराने का आदेश दिया था. किंतु, सरकार गिरने की हालत में फ्लोर टेस्ट और बहुमत परीक्षण की औचित्य ही नहीं रह गया.
अब यह तय माना जा रहा है कि, जल्दी ही राकांपा, कांग्रेस व शिवसेना गठबंधन की सरकार बनेगी और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे।