महाराष्ट्र में बी०जे०पी० सांसद का चौंकाने देने वाला दावा , ४० हजार करोड़ का फंड केंद्र को वापस देने के लिए सी०एम बनें थे फडणवीस।



नेता अनंत हेगड़े ने देवेंद्र फडणवीस  के सीएम बनने को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है. उन्‍होंने कहा कि 40 हजार करोड़ रुपये के केंद्रीय फंड को वापस लौटाने के लिए यह 'ड्रामा' किया गया था.................. मुंबई. महाराष्‍ट्र में लगातार दूसरी बार तकरीबन ८० घंटों तक के लिए देवेंद्र फडणवीस के मुख्‍यमंत्री बनने को लेकर BJP नेता और सांसद अनंत हेगड़े  ने चौंकाने वाला दावा किया है. उत्‍तर कन्‍नड़ (कर्नाटक) से ताल्‍लुक रखने वाले भाजपा नेता ने दावा किया है कि ४०,००० करोड़ रुपए के केंद्रीय फंड के लिए फडणवीस ने तीन दिनों तक के लिए सीएम का पद संभाला था. हेगड़े ने बताया कि हजारों करोड़ रुपये के इस फंड तक सिर्फ मुख्‍यमंत्री की ही पहुंच होती है, ऐसे में फडणवीस सीएम बनकर उस फंड को केंद्र को लौटाने का आदेश दे दिया. उन्‍होंने दावा किया कि शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन का सीएम बनने की स्थिति में इस फंड का दुरुपयोग हो सकता था, ऐसे में यह 'ड्रामा' करने का फैसला लिया गया. हेगड़े ने बताया कि सीएम बनते ही फडणवीस ने १५ घंटों के अंदर ४०,००० करोड़ रुपये के फंड को केंद्र को वापस कर दिया ।



'फंड का हो सकता था दुरुपयोग' :-




बीजेपी नेता अनंत हेगड़े ने कर्नाटक के उत्‍तर कन्‍नड़ में फडणवीस के मुख्‍यमंत्री बनने को लेकर चौंकाने वाला दावा किया. उन्‍होंने रविवार (१ दिसंबर २०१९) को कहा था, 'आपलोग जानते हैं कि महाराष्‍ट्र में हमारा एक आदमी ८० घंटे के लिए मुख्‍यमंत्री बना. उसके बाद फडणवीस ने पद से इस्‍तीफा दे दिया. उन्‍होंने यह ड्रामा क्‍यों किया था? क्‍या हमलोग यह नहीं जानते थे कि हमारे (BJP) पास बहुमत नहीं है, फिर भी वह सीएम बने. हर कोई यह सवाल पूछ रहा है.' अनंत हेगड़े ने दावा किया है कि हजारों करोड़ रुपये का यह फंड महाराष्‍ट्र के विकास के लिए था. ऐसे में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनने पर इसका दुरुपयोग हो सकता था ।







सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया था मामला :-




महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद सरकार बनाने को लेकर कई सप्‍ताह तक खींचतान चलती रही. फिर BJP नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अचानक से सुबह में मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ले ली. उनके साथ राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता अजित पवार ने उपमुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली थी. यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया था. शीर्ष अदालत अदालत ने फ्लोर टेस्‍ट का आदेश दिया था. विधानसभा में बहुमत साबित करने से पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने मुख्‍यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्‍यमंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया था. इसके बाद उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी की ओर से सीएम पद की शपथ ली और सदन में १७० विधायकों के साथ बहुमत साबित किया.

 

 




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