आपकी की यादें हमें तरो-ताजा कर दिया , ओ लम्हे भरी प्यार ही मेरे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट...


आज 23 मार्च है...संजना की शादी की 5th सालगिरह आने वाली है  25 मार्च को उसकी शादी हुई थी, यूँ तो थी लव मैरिज पर घर वालों की मर्ज़ी से....
कितने खूबसूरत दिन थे वो रात रात भर बातें किया करती थी 
मजे की बात तो ये है, बातों का कोई विषय नहीं होता कुछ भी, बस यूं ही बस बात करनी होती थी एक दूसरे को लंच डिनर पूछना नहीं भूलते थे... फिर शादी हो गई, और कुछ महीने बाद ही उसे पता चला कि वो माँ बनने वाली है  बहुत खुश हुआ विजय ये खबर सुन कर और जल्दी ही उनकी गोद में नन्हा सा संजू आ गया ...


धीरे धीरे जाने कब संजना संजू की परवरिश में और विजय अपनी जॉब और आँफिस में, रीजनल हैड हो गया था ...
सुबह 9 बजे घर से जाता और रात में 9 बजे से पहले नहीं आता ...
संजना और विजय की लम्बी लम्बी दुनियां जहान की बातें सिमट कर, राशन , वैकसिनेशन,डायपर और संजू तक रह गई थी, अक्सर छोटी छोटी बातों पे विजय झल्ला जाता क्युकी संजू की वजह से संजना सब चीज़ें पहले की तरह नहीं रख पा रही थी ...
संजना अक्सर संजू को सुलाते हुए सोती और विजय आँफिस का काम करते हुए ...
अजीब सा ठहराव अजीब सी बेपरवाही आ गई थी दोनों के रिश्ते में...संजना अक्सर पुराने अलबम और मैसेज देखकर पुराने दिन याद कर लिया करती  और विजय को तो वो भी फुर्सत नहीं ...
जब कभी किसी कपल को खुश देखती तो एक कसक सी उठती दिल में....


यूं तो तरीखें भूल जाना विजय की आदत है पर अबकी बार संजना ने भी सरप्राइज प्लान कर रखा था ऐनिवर्सरी वाले दिन विजय के जाने के बाद पूरा घर साफ किया जैसे विजय को पसंद हैं पार्लर गई उसके फवरोटे रंग की साड़ी पहनी उसकी पसंद का खाना बनाया, डायनिंग रूम में सजा दिया ..
कैंडल लाइट भी रखी,टेबल सजाये और कमरा बंद कर दिया अब इंतज़ार था बस संजय के आने का 


8-9 बजे, 9-10, संजू को सुलाकर संजना लगभग रोआसी हो चुकी थी, तभी बेल बजी विजय ही था , संजना ने खुद को सम्भाला और मुस्कुराते हुए दरवाजा खोला
विजय ने तो शायद उस पर नज़र भी नहीं डाली और सीधा बेडरुम में घुस गया कहते हुए चाय ले आना पहले | दोनों ने चाय पी विजय मोबाईल में बिजी और संजना उम्मीद में...


"चलिये डायनिंग टेबल पे खाना लगा है" संजना धीरे से बोली..
"नहीं विजय बात पूरी किये बिना ही बोला यहीं ले आओ" और संजना उठ गई खाना लगाने पहला निवाला भी ना खाया गया , फूट फूट के रो पड़ी आज हमारी शादी की सालगिरह. थी मैंने तैयारी की थी और आपने विश भी नहीं किया....आपको तो याद भी नहीं... विजय अवाक सा शांत बैठा गया फिर बोला "संजना माफ कर दो मुझे....
मेरी नौकरी ऐसी है कोई खुश नहीं दे पा रहा तुम्हें ...
सुबह से बॉस मीटिंग ले रहा है कितनी बातें सुनाई ...
टारगेट पूरा नहीं हो पा रहा ...
और सच कहूं मुझे तो ये भी नहीं याद कि आज 25 मार्च है इतना सुनते ही संजना का गुस्सा कूफूर हो गया ...


"अरे कोई बात नहीं ये सब आप हमारे लिए ही तो कर रहे हैं दिन भर कितना कुछ झेलते है...
मुझे पता है कि आपको हमारा बहुत ख्याल है, मैं ही फिल्मी चक्‍करों में पड़ गई ...तरीखों में क्या रखा है....
आपका साथ है तो सब कुछ है, आपका प्यार है मेरा सबसे प्यारा गिफ्ट"...
इतना कह कर गले लग गई ,दोनों की आँखों में वही 5 साल पहले वाला प्यार उतर आया था दोनो ने एक दूसरे को अपने हाथ से खाना खिलाया और उनकी. शाम किसी भी कैंडल लाइट डिनर से ज्यादा रोमांटिक हो गई थी......दोस्तों एक पुरुष परिवार को चलाने उनकी खुशियों के लिए अधिक से अधिक काम कर परिवार को हर सुख सुविधाएं देना चाहता है इसलिए कयी बार वह परिवार मे वक्त नही दे पाता ...दोस्तों मेरा मानना है ऐसे मे पति पत्नी झगड़े नही ब्लकि आपसी समझदारी से मिलजुलकर एकदूसरे को समझे और खुश रहे
एक सुंदर रचना....


                       कलाम द ग्रेट न्यूज से 


                   मीडिया प्रभारी जय यादव।