कोरोना की भयावता से इन्कार नहीं किया जा सकता है, लेकिन अब यहां भी सत्य है कि हमारे बीच इससे भी घातक बिमारियां है!
देश में डेंगू/मलेरिया के इलाज की खोज को हालांकि लगभग 60 साल हो चुके हैं, लेकिन भारत में हर साल मलेरिया के 65 लाख से अधिक मामले सामने आते हैं, जिनमें से 40 हजार लोगों की मृत्यु तकरीबन 3 हजार प्रति माह की दर से हो जाती है।
यश चोपड़ा जैसे प्रतिष्ठित व्यक्ति की मौत डेंगू/मलेरिया से हो गई थी!
सिर्फ भारत में लगभग 27 लाख क्षय रोगी (TB के मरीज़) हैं और हर साल लगभग सवा दो लाख लोग TB से मर जाते हैं।
TB की दवाइया सालों से उपलब्ध हैं और सरकार इसे मुफ्त में भी उपलब्ध कराती है।
अगर कोरोना जैसे ही मलेरिया या TB के मामलों की खबरें और आंकड़े रोजाना मीडिया में दिए जाएं, तो लोग पागल हो जाएंगे!
इस लिए आपको बस ये सीखना होगा कि कोरोना के साथ कैसे रहना/लड़ना है।
१- मास्क
२-समाजिक दूरी
३-हाथ धोना
जैसे कि हम मलेरिया के साथ- ऑल-आउट, ओडोमॉस, कछुआ अगरबत्ती का उपयोग करके!
कोरोना के उपाय थोड़े अलग हो सकते हैं। अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के प्रयास करिए और घबराने की जरूरत नहीं है, बस कोरोना के साथ रहना सीखिए।
कलाम द ग्रेट न्यू से
पत्रकार यश प्रताप यादव।
घर में रहे सुरक्षित रहे , स्वास्थ्य विभाग के नियमों का पालन करें।
सुरक्षित रहें! स्वस्थ रहें! #Covid19