जब बेटियां तो घर को बस आती है तो दिल का एहसास किसी को नहीं होता उन्हें क्या पता पीछे क्या छोड़कर आती है और आगे क्या पढ़ाती है दे दो बेटियां हैं साहब ना तो मां का हिसाब है ना तो बेटी का हिसाब धन्य है वह मां जो जन्मे इन बेटियों को जननी के रूप में आती हैं अब घर घर खुशियां महक आती हैं ऐसी बेटियों को कलाम द ग्रेट न्यूज़ सलाम करता हैं
जैसे ही वरमाला का कार्यक्रम पूरा हुआ तो दूल्हे ने दुल्हन के कदमों में अपना सर झुका दिया
यह देख सभी हंसने लगे दूल्हे ने जवाब दिया
1. मेरी वंश को यही आगे बढ़ाएगी
2. मेरे घर की लक्ष्मी कह लाएगी
3. मेरी मां बाप की इज्जत करेगी और उनकी सेवा करेगी
4. मुझे पिता जैसी खुशी प्राप्त करवाएगी
5. प्रसव के समय मौत को मेरे बच्चे के लिए मौत को छूकर आएगी
6. इसी से मेरे घर की नींव है
7. इसके व्यवहार से ही समाज में मेरी पहचान बनेगी
8. अपने मां-बाप को छोड़ कर यह मेरे लिए मेरे पीछे आई है
9. अपनों से नाता तोड़ कर उसने मुझ से नाता जोड़ा है
तो क्या हम थोड़ा सा सम्मान भी नहीं दे सकते क्या इन महिलाओं के कदमों में सर झुकाना हास्य है तो मुझे जमाने की परवाह नहीं
Dil se salute ❤️❤️❤️❤️
कलाम द ग्रेट न्यूज़
सम्पादक - जय शंकर यादव।