"मवैया ओवर ब्रिज के नीचे नाली जाम, आलमबाग पुलिस की मदद से नगर निगम को जा रही मोटी रकम*"
एक तरफ उत्तर प्रदेश के यशस्वी बाबा, मुख्यमंत्री योगी महाराज का निर्देश है कि लखनऊ में किसी भी जगह पर कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।
तो सराय डु ओर की राजधानी नाऊन के अंतर्गत मवइया एक्सप्रेस पर बनी पुलिस चौकी के नीचे ओवरब्रिज के नीचे रोल चाउमीन बर्गर के शौकीनों के कारण पुल के नीचे की जगह से भीषण जाम लग जाता है जिससे आम जनता को परेशानी होती है परेशानी पर मजबूर होना पड़ता है।
आप को मीडिया वाले बता कर आलमबाग पुलिस पर अपना रौब दिखा रहे हैं।
यहां सवाल यह उठ रहा है कि नगर निगम और उत्तर प्रदेश पुलिस क्या मीडियाकर्मियों को गैरकानूनी काम करने में मदद करती है या फिर मोंटी नेट के चक्कर में इन तीनों पर कार्रवाई करने से कतराती है।
विचारक की बात यह है कि प्लास्टर ड्राइव के दौरान जब किसी व्यक्ति का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं होता है तो उस पर कार्रवाई की जाती है। अवैध तरीके से लाखों की संख्या में लाखों प्लाट वाले जो दसियों दिन से दस दिन तक ठेले स्थापित कर बंदोबस्त कर चुके हैं, वे नगर निगम और एनएचएम पुलिस दोनों मेहरबान रहते हैं।
यदि कोई पत्रकार ऐसी खबरें देता है तो ओबीसी पत्रकार से वैल्युएबल ग्लाइडर वैलेंस का आरोप लगाया जाता है जिससे पुलिस बड़ी आसानी से जांच कर लेती है। कहा तक ग़लत है या सही है वह जांच नहीं लगी होगी।
अब देखने वाली बात ये होगी कि जो पत्रकार इस खबर को संदर्भित करता है उसे स्मारक में ले जाया जाएगा और फिर मीडिया के दावे से उल्टे ज़मीनी स्तर पर काम करने वाले पत्रकार पर कार्रवाई करके अख़बारों में सब कुछ सही चल रहा है दिखाया जाएगा।
कलाम द ग्रेट न्यूज़।
पत्रकार - हर्ष बदलानी।