ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) में जरूरी 'आरटीपीए इंजेक्शन' केजीएमयू और लोहिया जैसे अस्पतालों को मिलना बंद !

 लखनऊ...    पत्रकार यश प्रताप यादव।

ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) में जरूरी 'आरटीपीए इंजेक्शन' केजीएमयू और लोहिया जैसे अस्पतालों को मिलना बंद !

ब्रेन स्ट्रोक (लकवा) से मरीजों को बचाने के लिए पहले 4.5 घंटे में आरटीपीए इंजेक्शन लगना जरूरी है. सरकार की ओर से अब तक यह इंजेक्शन संस्थानों को मुफ्त में दिया जाता था. लेकिन अब केजीएमयू, लोहिया समेत सभी मेडिकल कॉलेजों में यह इंजेक्शन मिलना बंद हो गया है. इंजेक्शन की कीमत 50 हजार रुपये होने के कारण यह गरीब मरीजों की पहुंच से बाहर है. ऐसे में जो लकवा से बच भी सकते है वो भी इसके शिकार हो रहे है।

केजीएमयू के न्यूरॉलजिस्ट डॉ. प्रवीण शर्मा ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक आने के साढ़े चार घंटे में मरीज अस्पताल आ जाता है तो उसे आरटीपीए इंजेक्शन लगाया जाता है।

इस इंजेक्शन से ब्रेन का क्लॉट डिजॉल्व हो जाता है. ऐसे में जो हिस्सा लकवा मारता है वो ठीक होने लगता है. पहले यह इंजेक्शन फ्री में हमें सरकार की ओर से मिलता था. लेकिन अब वो बंद हो गया है. ऐसे में हॉस्पिटल रिवॉल्वर।
ग फंड (एचआरएफ) में यह इंजेक्शन मौजूद है लेकिन उसके लिए मरीजों को पैसे देने पड़ते हैं।

*आयुष्मान का अप्रूवल भी आता है एक दिन बाद.*

मरीज के भर्ती होने के एक से दो घंटे में ही इंजेक्शन लगाने की जरूरत होती है. ऐसे वह मरीज जिनका आयुष्मान कार्ड बना होता है, उन्हें भी उस योजना से यह इंजेक्शन नहीं मिल पाता है, क्योंकि आयुष्मान के लिए पहले अप्रूवल भेजना होता है. इसमें 24 घंटे लग जाते हैं. जब तक अप्रूवल आता है तब तक बहुत देर हो जाती है. छह घंटे बीत जाने के बाद यह इंजेक्शन काम नहीं करता. उसके बाद सिर्फ इंटरवेशनल प्रोसीजर कर के ही क्लॉट निकाला जा सकता है. यह भी काफी महंगा इलाज है...

           कलाम द ग्रेट न्यूज। खबरें सबसे पहले।

        kalamthegreat9936@gmail.com. 

Contact number - 9453288935 , कलाम द ग्रेट न्यूज में विज्ञापन अथवा पत्रावली छपवाने हेतु संपर्क करें।