> जनपद में दिनांकः 10.02.2024 से 28.02.2024 तक एम०डी०ए० /आई०डी०ए० (ट्रिपल ड्रग थेरेपी) अभियान का आयोजन किया जाना है।

संवादाता रीता बाराबंकी*

 एम०डी०ए० /आई०डी०ए० (मॉस ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) वर्ष 2024

> जनपद में दिनांकः 10.02.2024 से 28.02.2024 तक एम०डी०ए० /आई०डी०ए० (ट्रिपल ड्रग थेरेपी) अभियान का आयोजन किया जाना है।

➤ फाइलेरिया क्यूलेक्स नामक मादा मच्छरों के काटने से फैलता है यह मच्छर रात में ही काटते है और गर्दै पानी में जन्म लेते है। यह मच्छर काटने पर एक धागे के समान परजीवी हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता है। मगर इस बीमारी के लक्षण 08 से 10 वर्ष के उपरान्त ही दिखाई देते है। फाइलेरिया की बीमारी के कारण हाथी पांव, स्तनो में सूजन, हाइड्रोशील, घात रोग जैसी समस्याएं होती है। इस बीमारी बढने, पर मरीज विकलांग हो सकता है,

> फाइलेरिया से बचाव का सबसे आसान तरीका है कि भारत सरकार की तरफ से दी जाने वाली एम०डी०ए० /आई०डी०ए० की दवा का सेवन किया जाए जोकि अभियान के दौरान दी जाती है। इस दवा का सेवन सभी के लिए फायदेमंद होता है लेकिन दवा खाली पेट नहीं खानी चाहिए। इसका सेवन गर्भवती महिला और 02 साल से छोटे बच्चो, वृद्ध एवं गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों को नही कराना है।

> रात मे खून की जाँच अवश्य कराये तभी फाइलेरिया का पता लगाया जा सकता है। रात्रि के समय रक्त की बूंद से स्लाइड बनवाने के उपरान्त ही पता चलता है कि जांच कराने वाले व्यक्ति को हाथी पांव रोग के कीटाणु है अथवा नही। जाँच रात्रि में इसलिए करायी जाती है क्योकि फाइलेरिया कमि रक्त पट्टिका की जाँच के दौरान रक्त-परिधि में दिखायी पडते है व जिस व्यक्ति में ये कमि पाये जाते है उनमें साधारणतः रोग के लक्षण व चिन्ह स्पष्ट रूप से दिखाई देते है।

> फाइलेरिया एक ऐसा रोग है यदि फाइलेरिया से ग्रसित व्यक्ति का समय पर उपचार किया जाता है तो इसे न केवल इस रोग की रोकथाम होगी बल्कि हाथी पांव रोग को फैलने से भी रोका जा सकता है, यदि किसी व्यक्ति के पैर में सूजन है तो वह विभिन्न स्टेज को कैसे पता करे वह व्यक्ति अपने पांव को नान सेंटिड साबुन व ताजे पानी से रोज धोये व सूती कपडे से हल्के-हल्के अपने पैर को पोछे, पैर की सफाई करते समय ब्रश का उपयोग न करे इससे पैरो में घाव हो सकते है घाव कभी खुजलाना नही चाहियें।

> किसी व्यक्ति को यदि बार-बार बुखार आ रहा है तो उस व्यक्ति को फाइलेरिया रोग हो सकता है जिसकी पुष्टि रात्रि में रक्त की जाँच कराने के उपरान्त ही हो पाती है कभी-कभी किसी व्यक्तियों में इसके लक्षण नही भी दिखाई देते है। अंगो, जननांगों और स्तनों में सूजन, हाइड्रोशील, त्वचा का एक्सफोलिट होना, हाथो और पांवो में सूजन होना फाइलेरिया रोग से ग्रसित है।

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