साइबर अपराध/BNSS/ इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक ललितपुर व साइबर क्रांइम विशेषज्ञों द्वारा पुलिस लाइन के सभागार कक्ष में जनपद के राजपत्रित अधिकारी/थाना/चौकी प्रभारी (समस्त विवेचक) व अन्य पुलिस अधि0/कर्मचारीगण को प्रशिक्षण देकर, साइबर अपराध की रोकथाम , गुणवतापूर्ण विवेचना करना व BNSS के प्रावधानों के अंतर्गत ई साक्ष्य ,घटना स्थल व साक्ष्यी का फोटों,वीडियों अपलोड अपलोड आदि के सम्बन्ध प्रशिक्षण दिया गया।

उत्तर प्रदेश ब्यूरो विनोद सोनकर"

9721745449

ललितपुर **दिनांक-26.09.2024

साइबर अपराध/BNSS/ इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य के सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक ललितपुर व साइबर क्रांइम विशेषज्ञों द्वारा पुलिस लाइन के सभागार कक्ष में जनपद के राजपत्रित अधिकारी/थाना/चौकी प्रभारी (समस्त विवेचक) व अन्य पुलिस अधि0/कर्मचारीगण को प्रशिक्षण देकर, साइबर अपराध की रोकथाम , गुणवतापूर्ण विवेचना करना व BNSS के प्रावधानों के अंतर्गत ई साक्ष्य ,घटना स्थल व साक्ष्यी का फोटों,वीडियों अपलोड अपलोड आदि के सम्बन्ध प्रशिक्षण दिया गया।

श्रीमान् पुलिस अधीक्षक श्री मो0 मुश्ताक व साइबर क्रांइम विशेषज्ञ द्वारा पुलिस लाइन के सभागार कक्ष में जनपद के सभी राजपत्रित अधिकारी थाना चौकी प्रभारी(समस्त विवेचक) व अन्य पुलिस अधि0/कर्मचारीगण को BNS, BNSS,भारतीय साक्ष्य अधिनियम- 2023 की प्रमुख धाराओं ,इलेक्ट्रानिक साक्ष्य संकलन, डिजिटल फॉरेन्सिक,आर्टीफिशियल इन्टेलिजेंस ( AI ) व विवेचनात्मक कार्यवाही,घटनास्थल का   फोटों वीडियों एप में अपलोड करने आदि का प्रशिक्षण दिया गया ।

इसके अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के उभरते साइबर अपराध की रोकथाम आदि के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया गया तथा जनपद के पुलिस अधि0/कर्मचारीगण (विवेचकगण) को साइबर अपराध व उनसे बचाव की बारीकियों से अवगत कराया गया । प्रमुख साइबर अपराध जैसें-

1. ऑनलाइन जॉब या पार्टटाइम जॉब का लालच देना ।

2.   कमीशन का लालच देकर रुपए ट्रांसफर करवाना ।

3.  क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर पैसे जमा कराना ।

4.  टेलीग्राम पर फर्जी ट्रेडिंग चैनल बनाकर निवेश करवाना ।

5.  लाभ दिखाकर पैसे फर्जी बैंक खातों में जमा करवाना ।

6.  प्रोडक्ट की रेटिंग बढ़ाने के नाम पर पैसे जमा करवाना ।

के बारे मैं बताया गया,इसके रोकथाम के तरीक़े बताये गये । इस तरह का अपराध कैसे होता है । यह भी बताया गया जैसे- वर्तमान में हो रहे साइबर अपराध, में पहले आपको वीडियो लाइक और शेयर करने का भुगतान करेगें, फिर टेलिग्राम के माध्यम किसी बेबसाइट पर आपका रजिस्ट्रेशन करायगें । अब वह आपसे निवेश कराकर कुछ टास्क कराएंगे । आपकी रकम भी आपको बढ़ती हुई दिखाएंगे क्योंकि वेबसाइट या एप उन्ही के द्वारा बनाया गया है और आपको झांसे में लेने के लिय आपकी रकम बढ़ा कर प्रदर्शित कर देते है । लेकिन आप की बढ़ी हुई राशि बैंक में अटकने या अन्य तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए आपको आपकी रकम वास्तविक रूप में ट्रांसफर नहीं करते हैं बल्कि इसके बदले में शातिर साइबर अपराधी आपकी राशि ट्रांसफर करने के लिए और रुपये की मांग करते हैं । जब तक आपको पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है । टेलीग्राम ऐप पर भी साइबर ठग सक्रिय हैं । यहां से ठगी के नए-नए जाल बिछाए जाते हैं 

  डिजिटल मार्केटिंग और वर्क फ्रॉम होम से ठगी की जा रही है । अधिकतर मामलों में ठगी की रकम लाखों में है । इसमें पढ़े लिखे लोगों को सबसे आसानी से फंसाया जा रहा है । वर्क फ्रॉम होम और अधिक कमाई का लालच लोगों को ठगी का शिकार बना रहा है । सबसे पहले ठग टेलीग्राम यूजर्स की तलाश करते हैं और फिर उनको अलग-अलग लालच देकर अपने जाल में फंसाकर ठगी की घटनाएं की जातीं हैं ।

साइबर क्राइम विशेषज्ञ द्वारा बताया गया कि अगर किसी के साथ ऑनलाइन फ्रांड होता है तो उस व्यक्ति को 1930 हेल्पलाइन नम्बर पर 24 घण्टे के अन्दर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गयी और अगर 24 घण्टे के ऊपर हो गये है तो साइबर क्रांइम की अधिकारिक वेबसाइट  www.cybercrime.gov.in पर कम्प्लेन दर्ज करायी जा सकती है । के बारे में विस्तार से बताया गया।