लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव 2024 के आठवें दिन अपने पूरे रंग में रंग गया☆

ब्यूरो चीफ अखिलेश निगम लखनऊ☆ 

लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव 2024 के आठवें दिन अपने पूरे रंग में रंग गया

लखनऊ

लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव सर्दी का स्वागत करने के लिए हर तरह के गर्म कपड़े स्वाद के शौकीनों के लिए फूड जोन के लजीज व्यंजन बच्चों के लिए झूला और जरूरत का हर सामान महोत्सव में उपलब्ध है।लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव अचल फाउंडेशन की तरफ से सुनील कुमार मेहरोत्रा और कुमार गौरव श्रीवास्तव के नेतृत्व में कवि सम्मेलन ने महोत्सव में खूब रंग जमाया। कहां-कहां नहीं भटके, सुनील कुमार; राम की धारा पर खड़े, कुमार गौरव श्रीवास्तव; जो दूसरों के शेर चोरी, निर्भय निश्चल; जमाने भर की दौलत, दीपक शर्मा; सब की बातों में, कीर्ति शर्मा; तुम इश्क, विमलेश; आदि कवियों ने अवध महोत्सव के मंच से खूब ताली बटोरी।साकार फाउंडेशन के कलाकारों ने अवध महोत्सव 2024 में अवधि लोकसंगीत की सुरमई शाम सजाई। लोकगायिका रश्मि उपाध्याय, सुनीता श्रीवास्तव, रीटा नाथ, मंजुला श्रीवास्तव ने सर्वप्रथम गणेश वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उसके बाद देवी गीत, नकटा ख़ेमटा एवं शादी विवाह में गाय जाने वाले हंसीमजाक के एक से बढ़कर एक गीत सुनाए। लोकगायिका एवं साकार फाउंडेशन की सचिव प्रीति लाल ने लक्ष्मणपुर अवध महोत्सव में अपनी  सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। उन्होंने पूर्वी यही अंगनवा में मान मोह कहनवा, एक और पूरबी सैयां मोरा गइले रामा, इसके बाद शादी की थीम पर बन्नी, बन्ना गारी इत्यादि मनमोहक और पारंपरिक गीतों से दर्शकों का दिल जीत लिया। बधाई गीत- आज अवध मां बाजै बधाईयां, आज अवध मां आए रघुरैया देखो आज बधाईयां बाज रही; मेला गीत- लै चल अयोध्या बाजार हो जिया न लागय घर मा गीत ने दर्शकों को थिरकने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम के अंत में निक लागे सीता के सजनवा अंगनवा बीच सुनकर दर्शकों की ढेरों तालियां बटोरीं। कीबोर्ड पर आकाश तिवारी, ढोलक पर प्रदीप, ऑक्टोपैड पर संजय श्रीवास्तव ने शानदार संगत की।प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट एवं प्रगति इवेंट के संयुक्त तत्वाधान में चल रहे लक्ष्मणपुर महोत्सव 2024 की सांस्कृतिक संध्या में ग्रेस एट द पीस स्टूडियो द्वारा बहुत ही सुंदर हृदय स्पर्शी भजनों की संध्या उपस्थित दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। भजन के अलावा एक से एक गीत गाकर विनीत कशिक श्रीवास्तव और संतोष ने खूब तालियां बटोरी। मेरे मन में राम मेरे तन में राम, राम नाम अति मीठा है, डम डम डिगा डिगा, चांद आहें भरे, चांदी जैसा रंग, हम तेरे शहर में, चलते-चलते मेरे यह गीत। शैलजा श्रीवास्तव और कशिक के गानों पर लोगों ने खूब आनंद उठाया।सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह एवं उपाध्यक्ष एन बी सिंह ने दीप प्रज्वलित करके किया तथा महोत्सव में आए सभी का धन्यवाद और आभार व्यक्त किया।

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