*चिनहट तिराहे और चौराहे पर यातायात की स्थिति संभालने में नाकाम पुलिस☆

ब्यूरो चीफ अखिलेश निगम लखनऊ☆ 

*चिनहट तिराहे और चौराहे पर यातायात की स्थिति संभालने में नाकाम पुलिस

लखनऊ

    राजधानी लखनऊ के कई क्षेत्रों में यातायात बदहाल स्थिति में है। जहां यातायात पुलिस और स्थानीय थाने की पुलिस, दानों यातायात को संभालने में नाकाम दिख रही है। ऐसे ही स्थानों में पुलिस कमिश्नरेट पूर्वी क्षेत्र के कमता चौराहा, चिनहट तिराहा, मटियारी चौराहा और बीबीडी तिराहा प्रसिद्ध हैं। वैसे तो और भी कई चौराहे हैं जहां यातायात बाधित रहती है, पर इन चौराहे /तिराहे को इसलिए खास बाधित और परेशान कर देने वाले चौराहा/तिराहा कहा जा सकता है, क्योंकि लखनऊ अयोध्या मार्ग की बात ही अहम है। पर यातायात पुलिस प्रशासन और पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ की पुर्वी थाने की पुलिस सक्रियता और कर्म के ठीक उल्टा चलने में आगे है। खास तौर पर इन चौराहों/तिराहों का कहा जाए, तो थाना चिनहट और थाना बीबीडी पुलिस की लापरवाही और बगैर कर्म के फल का उद्देश्य रखते हुए अपने क्षेत्र को संभाल रहे हैं।

    चिनहट तिराहे की बात करें तो बैटरी रिक्शा और ऑटो रिक्शा ने ऐसा अतिक्रमण बिछा रखा है, जिससे मौजूदा सड़क छोटी पड़ जाती है। यातायात पुलिस देखती रहती है और थाने के पुलिस आराम से मोटरसाइकिल पर बैठकर नजारा लेते रहती है। पर कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं। ऐसे में चिनहट तिराहे से कमता जाने वाली सड़क, फ्लावर के नीचे ऑटो और बैटरी रिक्शा चालक सड़क के किनारे से लेकर बीच सड़क तक अपना डेरा जमा लेते हैं, वहीं चिनहट तिराहा से चिनहट मार्केट की तरफ जाने वाली सड़क पर तो बैटरी रिक्शा उलटी ही दिशा में खड़े होते हैं और सीधी दिशा में आने-जाने वाले यातायात को खासा दिक्कत होती है। इस पर अगर पुलिस का नजरिया देखा जाए तो पुलिस देखकर मुंह मोड़ लेती है और वहीं यातायात पुलिस वीआईपी के गुजरने पर ही दिखाई देगी, अन्यथा खानापूर्ति के लिए अपना कार्य करते हैं। अफसोस है कि असलियत तो यही है। 

    जब तक वीआइपी, वीवीआईपी या किसी की शिकायत न पहुंचे तब तक यातायात पुलिस के कदम सड़क सुरक्षा पर नहीं पड़ते और कार्यवाही तो छोड़ ही दीजिए। ऐसा भी कहा जा सकता है कि चिनहट थाने की पुलिस व यातायात पुलिस खुद ही बैटरी रिक्शा चालक, ऑटो चालक व टेंपो चालक को पनाह दे रही है खड़े होने के लिए और इतना खड़े हो जाइए कि आपका अड्डा बना लें और कमाई शुरू हो जाए। आने जाने वाले लोगों को अगर दिक्कत होती भी है, तो कोई फर्क नहीं पड़ता। वहीं चिनहट तिराहा से अयोध्या मार्ग पर भी कुछ ऐसे ही नज़ारा देखने को मिलता है। पर जैसे की कहा गया चिनहट थाने के पुलिस व यातायात पुलिस दिनभर तो बूथ के आसपास में बैठकर आराम फरमाती है, शाम का समय थोड़ी देर के लिए अपनी फुर्तीली दिखा कर खानापूर्ति दिखा ही देते हैं। पर जैसे ही समय 8:00 बजे के बाद होता है, वैसे ही थाने की पुलिस और यातायात पुलिस जाने का समय देखने लगते हैं, नहीं तो अपनी व्यवस्था में लग जाते हैं। कभी कदार बूथ के पास या किसी चाय की दुकान पर बैठकर चाय की चुस्की या मोबाइल का लुक उठाते हुए कई बार दिखाई देंगे। 

    वैसे ही बात करें अगर मटियारी चौराहे की तो फ्लाईओवर के नीचे मटियारी चौराहे पर चौकी बनी तो जरूर है, पर चौकी के अंदर चौकी इंचार्ज की मौजूदगी या गैर मौजूदगी बराबर ही दिखती है। यातायात का बदहाल स्थिति कई बार देखी जा सकती है। थाना चिनहट क्षेत्र के मटियारी चौराहे के चौकी इंचार्ज अगर आराम फरमा रहा हैं, तो सिपाही क्यों फुर्ती दिखाएं। इसीलिए ज्यादातर सुबह और शाम के टाइम जाम तो लगता ही है, पर मटियारी चौराहे से देवा रोड जाने वाले मार्ग पर, कोने में बैटरी रिक्शा व ऑटो रिक्शा दोनों ऐसे जमावड़ा लगा कर खड़े होते हैं, कि वहां से गुजरने वाली बस अगर रुकना चाहे, तो आराम से रख सकती है। पीछे की यातायात बाधित हो या उन्हें काफी परेशानी हो, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। अगर बात करें थाना चिनहट पुलिस की तो वहां मौजूद होने पर भी हम यह कह सकते हैं कि मिस्टर इंडिया का किरदार अच्छी तरह निभाने में सफल हैं और यातायात तो माशाल्लाह। चौकी के अंदर ऐसा देखा जा सकता है की थाना चिनहट पुलिस के मटियारी चौकी के इंचार्ज या तो आराम फरमा रहे होंगे या बातचीत में काफी व्यस्त होंगे। नहीं तो कभी कदार तो ऐसा भी होता है कि थाना चिनहट का बहाना कर कहीं घूमने निकल जाएं पर लापरवाही की सीमा चिनहट पुलिस और यातायात पुलिस द्वारा देखी जा सकती है पर पुलिस प्रशासन ऐसे मामलों पर शांति बनाए रहता है।

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