*बस्ती में रिंग रोड बनाने का काम शुरू*

*कलाम द ग्रेट न्यूज ब्यूरो चीफ जी.पी.दुबे*

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*बस्ती में रिंग रोड बनाने का काम शुरू*

 बस्ती 13 नवंबर 24.

आठ साल से बस्ती रिंग रोड बनाने का दावा अब सच में तब्दील हो रहा है। प्रथम फेज की 22.5 किमी लंबी सड़क धरातल पर उतरने लगी है। जिले में रिंग रोड निर्माण के लिए भूमि की निशानदेही का कार्य शुरू हो गया है। 

 बताते चलें कि  पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी की पहल पर वर्ष 2015 में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यहां कलवारी में जनसभा के दौरान शहर के चारों तरफ रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा की थी। इस प्रस्ताव को 2023 में स्वीकृति मिली।

इसी साल केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने इस सड़क का शिलान्यास भी किया था। इसी के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई। मुआवजा का वितरण भी तेजी से किया जा रहा है। 

कार्यदायी संस्था की माने तो 1-2 महीने में शत-प्रतिशत मुआवजा वितरित कर दिया जाएगा। 

बरवनिया से बक्सर होते हुए कुआनो नदी के पास राजाजोत तक चार किमी के दूरी में तीन पोकलैंड मशीनें अधिग्रहित जमीनों में खोदाई का कार्य कर रही हैं। 

सदर तहसील के 54 गांवों से होकर गुुजरने वाली रिंग रोड से करीब दो सौ गांवों के भाग्य की लकीर खिंचनी शुरू हो गई है।

इनके जरिये बरवनिया से कुआनो नदी के पास राजाजोत गांव तक लगभग चार किमी तक बस्ती रिंग रोड के लिए प्रस्तावित भूमि पर निशान लगाने का कार्य होने लगा है। ग्रामीणों में यह कौतूहल का केंद्र बना हुआ है। उनके गांव में महानगरों जैसी चमचमाती हुई फोरलेन सड़क बनने की उम्मीद जग गई है। सबकुछ ठीक रहा तो दिसंबर तक यहां सड़क निर्माण की हलचल और तेज हो जाएगी। रिंग रोड निर्माण के दौरान कुआनो नदी समेत उन आधा दर्जन स्थलों पर ब्रिज का भी निर्माण होगा जहां प्रमुख सड़क एवं रेलवे लाइन की क्रॉसिंग पड़ रही है।

बस्ती-महुली मार्ग पर दसकोलवा के पास, बस्ती-कांटे मार्ग पर बायपोखर एवं रेलवे लाइन तथा गोरखपुर-लखनऊ हाईवे पर रिंग रोड की क्रॉसिंग के लिए ओवरब्रिज या अंडर पास बनाना होगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राज्यमार्ग मंत्रालय खुद रिंग रोड निर्माण का जिम्मा संभाल रखा है। पहले चरण में 54 गांवों में 111 हेक्टेयर भूमि सड़क के लिए अधिग्रहित की जा रही है।

70 प्रतिशत मुआवजे का वितरण होते ही निर्माण की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। रिंग रोड के प्रस्तावित जमीनों की पिलरिंग पहले से हो चुकी है। अधिग्रहण प्रक्रिया काफी हद तक पूरा होने के बाद पिलरिंग कर चिह्नित स्थलों की खोदाई करवाई जा रही है। कुछ विवादित जमीनों पर मुआवजा न मिलने की वजह से अड़चने आ रही हैं। मगर, प्रशासन का तर्क है कि सड़क निर्माण अब नहीं रोका जा सकता है। विवादित जमीनों का मुआवजा तब तक रोके रखा जाएगा जब तक कि न्यायालय का फैसला किसी के पक्ष में नहीं आएगा।


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