प्यार, साजिश, कत्ल : पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ़्तार *
गर्लफ्रेंड के पिता को मारने आए थे शूटर ने गलतफहमी में ऑटो ड्राइवर पर बरसा थीं गोलियां*
सेन्ट्रल जोन पुलिस की सतर्कता सुनियोजित जांच से हुआ बड़ा खुलासा
"कलाम द ग्रेट न्यूज / ब्यूरो चीफ अखिलेश निगम"
लखनऊ। लखनऊ कमिश्नरेट के मदेयगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत 30 दिसंबर को मोहम्मद रिजवान की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बता दें कि पुलिस ने 13 दिन बाद रविवार को इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा कर दिया। हत्या करने वाले दो शूटरों और तीसरे साजिशकर्ता को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है। वहीं यह पूरी वारदात लव अफेयर को लेकर हुई़ थी। वहीं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शूटरों को लखनऊ में रहने वाली एक युवती के पिता की हत्या करनी थी, लेकिन गलतफहमी में उन्होंने रिजवान को गोली मार दी, पकड़े गए आरोपियों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी। वहीं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शूटरों को लखनऊ में रहने वाली एक युवती के पिता की हत्या करनी थी,लेकिन गलतफहमी में उन्होंने रिजवान को गोली मार दी। पकड़े गए आरोपियों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस को दी हैं। आपको बताते चले कि लखनऊ में भीकमपुर महानगर के रहने वाले मोहम्मद रिजवान पुत्र रफीक अहमद ऑटो ड्राइवर थे। 30 दिसंबर को मक्कागंज के मदेयगंज में ऑटो से सवारी लेकर गए थे। रास्ते में अज्ञात बदमाश ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। पुलिस ने शव का पीएम कराकर परिजनों को सुपुर्द कर दिया। सबसे बड़ी बात थी, कि रिजवान की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी,इसी कारण से पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच पा रही थी। वहीं पुलिस पूछताछ में पता चला कि यह पूरी साजिश पेशे से एडवोकेड अफताब अहमद ने रची थी। दरअसल, वह अपनी पूर्व जूनियर एडवोकेट के साथ प्रेम संबंध में था। बाद में उसकी प्रेमिका की शादी दिल्ली में हो गई। इसकी वजह से आफताब मिल नहीं पाता था,प्रेमिका के पिता लखनऊ के मक्कांगज में अकेले रहते हैं। आफताब ने सोचा कि पिता की हत्या करवा देगा तो उसकी प्रेमिका दिल्ली से वापस लौटकर लखनऊ अपने घर आ जाएगी और उसका लव अफेयर फिर से शुरू हो जायेगा। वहीं वकील आफताब ने इस साजिश में मो. यासिर को पैसे का लालच देकर शामिल कर लिया, यासिर ने कृष्णकांत उर्फ साजन को भी साथ में मिला लिया और घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि आफताब ने हत्या के लिए यासिर को दो लाख रुपए और हथियार देने का वादा किया, यासिर ने कृष्णकांत को इस काम में साथ लिया और हथियार के साथ और दोनों ने 29 दिसंबर 2024 को उसकी प्रेमिका के पिता के घर की रेकी भी की थी, 30 दिसंबर की रात को उन्होंने ऑटो ड्राइवर मोहम्मद रिजवान को इरफान अली समझ लिया और गोली मारकर हत्या कर दी। धोखे से रिजवान की हत्या करने के बाद दोनों ने आफताब से पैसा मांगा। आफताब ने कहा कि जिसकी हत्या करनी थी, वह जिंदा है,इसलिए पैसे नहीं देगा। इस वजह से हत्या की सुपारी देने वाले और हत्यारों में विवाद हो गया। हालांकि पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और सर्विलांस की मदद से शूटरों तक पहुंच गई। इसके बाद उनकी निशानदेही पर आफताब को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने मामले के खुलासे के लिए पुलिस ने सर्विलांस की मदद और 200 सीसीटीवी फुटेज चेक किए गए, रविवार को लालकोठी परिसर तेजी खेड़ा पारा निवासी आफताब अहमद (37) पुत्र अब्दुल सत्तार, निवासी लालकुआ भेंड़ीमंडी. मजार वाली गली हुसैनगंज, यासीर (35) पुत्र शहाबुद्दीन और भवानीगढ़ शिवगढ़ जनपद रायबरेली निवासी कृष्णकांत उर्फ साजन (36) पुत्र राम बहादुर सिंह को गिरफ्तार किया गया।
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